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आओ, पूछें एक सवाल मेरे सिर में कितने बाल ?

आओ, पूछें एक सवाल
मेरे सिर में कितने बाल ?

कितने आसमान में तारे?
बतलाओ या कह दो हारे।
नदिया क्यों बहती दिन रात?
चिड़ियाँ क्या करती हैं बात ?

क्यों कुत्ता बिल्ली पर धाए ?
बिल्ली क्यों चूहे को खाए ?

फूल कहाँ से पाते रंग ?
रहते क्यों न जीव सब संग?

बादल क्यों बरसाते पानी ?
लड़के क्यों करते शैतानी ?

नानी की क्यों सिकुड़ी खाल?
अजी, न ऐसा करो सवाल।

यह सब ईश्वर की है माया
इसको कौन जान है पाया।

-ठाकुर श्रीनाथ सिंह

7 टिप्पणियाँ:

अजय कुमार said...

बालसुलभ सवाल अच्छे लगे ।

रंजन said...

mast..

दीनदयाल शर्मा said...

आओ, पूछें एक सवाल, मेरे सिर में कितने बाल ? ठाकुर श्री नाथ सिंह ने बहुत ही प्यारी कविता लिखी है..बिलकुल बाल मन के अनुकूल...लेखक और प्रस्तुतकर्ता दोनों को हार्दिक बधाई...मैंने बाल मन को मेरे ब्लॉग से मैंने लिंक कर रखा है...अब इसे नियमित पढता रहूँगा... फिर से बधाई...
deendayalsharma.blogspot.com

दिगम्बर नासवा said...

बच्चों की मस्त कविता ... उनके टेस्ट के अनुसार ...

निर्मला कपिला said...

बाल मन के सवालों पर सुन्दर रचना। बधाई

सँधू हरदीप said...

बच्चों जैसी प्यारी कविता...

हरदीप

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

बाल-मन के अद्भुत सवाल..मजेदार लागे.
_________________________
अब ''बाल-दुनिया'' पर भी बच्चों की बातें, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ, उनके ब्लॉगों की बातें , बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ और भी बहुत कुछ....आपकी भी रचनाओं का स्वागत है.