Pages

Subscribe:

Ads 468x60px

test ad

सैर-सपाटा


-विष्णुकांत पाण्डेय-

मोटर पर चढ़ बन्दर निकला,
करने सैर-सपाटा।

चौराहे पर खड़ी पुलिस को
उसने रूक कर डांटा।

बेवकूफ हट जा आगे से,
आती मेरी गाड़ी।

दबकर मर जाएगा नाहक,
कैसा निपट अनाड़ी।

4 टिप्पणियाँ:

रावेंद्रकुमार रवि said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति!

कीर्ति वैद्य said...

अरे वाह, मजा आ गया।

admin said...

शिशुगीतों में विष्णुकांत पाण्डेय जी का जवाब नहीं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Science Bloggers Association said...
This comment has been removed by the author.