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बच्चे हिन्दुस्तान के

बच्चे हिन्दुस्तान के। चलते सीना तान के।
तानसेन की तरह गा रहे, नया तराना शान से।

हम किरणों जैसा चमकाते, कण कण के इतिहास को।
हम विलास को छोड़ मोड़ते, वैभवपूर्ण विलास को।

हमने अपने रथ के घोड़े, रक्खे हरदम तान के।
भाग्य बनाते अपने सबके, बंजर रेगिस्तान के।

तानसेन की तरह गा रहे, नया तराना शान से।

शीत चाँदनी जैसे हम हैं, पूर्णमासी लक्ष है।
नहीं अमावस्या में अटके, मंजिल दूर समक्ष है।

गीता गायन करते रहते, कर्म प्रमुखता मान के।
तानसेन की तरह गा रहे, नया तराना शान से।

6 टिप्पणियाँ:

ghughutibasuti said...

बहुत बढ़िया !
घुघूती बासूती

Udan Tashtari said...

अच्छा गीत चुनकर लाये हैं, आभार.

राज भाटिय़ा said...

सुन्दर बाल गीत के लिये धन्यवाद

Smart Indian said...

बहुत अच्छा लगा आपका यह गीत.

रश्मि प्रभा... said...

हमने अपने रथ के घोड़े, रक्खे हरदम तान के।
भाग्य बनाते अपने सबके, बंजर रेगिस्तान के।
......
baal mann ko moti se lafzon me piro diya

रंजन राजन said...

बहुत बढ़िया गीत चुनकर लाये हैं, धन्यवाद.