
-रोहिताश्व अस्थाना
जिंदगी हंसकर बिताना चाहिए।
चुटकुले सुनना-सुनाना चाहिए।
रात-दिन आँसू बहाने से भला,
फूल बनकर मुस्कराना चाहिए।
चाट का ठेला खड़ा है सामने,
आज कुछ खाना-खिलाना चाहिए।
आ गया इतवार, पापा जी हमें,
आज तो सरकस घुमाना चाहिए।
एक सीमा तक करें शैतानियाँ,
ना किसी का दिल दुखाना चाहिए।
मास्टरजी हम पढ़ेंगे शौक से,
पर खिलौने कुछ दिलाना चाहिए।
देश को खुशहाल रखना है अगर,
हमको संसद में बिठाना चाहिए।
जिंदगी हंसकर बिताना चाहिए।
चुटकुले सुनना-सुनाना चाहिए।
रात-दिन आँसू बहाने से भला,
फूल बनकर मुस्कराना चाहिए।
चाट का ठेला खड़ा है सामने,
आज कुछ खाना-खिलाना चाहिए।
आ गया इतवार, पापा जी हमें,
आज तो सरकस घुमाना चाहिए।
एक सीमा तक करें शैतानियाँ,
ना किसी का दिल दुखाना चाहिए।
मास्टरजी हम पढ़ेंगे शौक से,
पर खिलौने कुछ दिलाना चाहिए।
देश को खुशहाल रखना है अगर,
हमको संसद में बिठाना चाहिए।