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तितली रानी


तितली रानी, तितली रानी
पंख उड़ाती कहाँ चली ?

घूम रही हो गली - गली
अभी यहाँ थी, वहाँ चली

काश हमारे भी पंख होते
संग तुम्हारे हम उड़ लेते

रंग - बिरंगे पंख तुम्हारे
मन को भाते हैं ये सारे

जब भी तुमको चाहें छूना
पास नहीं आती हो

फूलों का रस लेकर
झट से उड़ जाती हो।

-आकांक्षा यादव

18 टिप्पणियाँ:

Amit Kumar Yadav said...

काश हमारे भी पंख होते
संग तुम्हारे हम उड़ लेते

रंग - बिरंगे पंख तुम्हारे
मन को भाते हैं ये सारे
.....Ati sundar, dil ko chhune wali kavita. Akanksha ji ko badhai.

Amit Kumar Yadav said...

काश हमारे भी पंख होते
संग तुम्हारे हम उड़ लेते

रंग - बिरंगे पंख तुम्हारे
मन को भाते हैं ये सारे
.....Ati sundar, dil ko chhune wali kavita. Akanksha ji ko badhai.

Arvind Mishra said...

बढियां बाल कविता !

Dr. Brajesh Swaroop said...

Akanksha ji!Apne to titali rani ke bahane ek bar fir se bachpan ki dahlij par lakar khada kar diya..badhai.

Anonymous said...

बहुत सुन्दर जा़किर भाई..

इस ब्लोग का लिंक "आदि" के ब्लोग पर दे रहा हूँ..

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

आकांक्षा जी की कविताओं की मैं कायल हूँ. सहज-सारगर्भित शब्दों में इतना अनुपम चित्रण विरले ही देखने को मिलता है. इसे आकांक्षा जी की खूबी कहें या फिर उनकी कविताओं की ! बहुत ही खूबसूरत बाल कविता के लिए बारम्‍बार बधाई धन्‍यवाद और शुभकामनाएं.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

Bal man ke sath kuchh bachhon si baten bhi*****
Celebrate Chocolate-Pizza day today and enjoy urself with a lot of fun with beautiful poems.

विवेक सिंह said...

वाह आकांक्षा वाह !

Ram Shiv Murti Yadav said...

आकांक्षा जी की बाल कविता पढ़कर आनंद आ गया. ढेरों बधाई !!

Unknown said...

जब भी तुमको चाहें छूना
पास नहीं आती हो

फूलों का रस लेकर
झट से उड़ जाती हो।
.....................
आकांक्षा जी की बाल कविता 'तितली रानी' बहुत खूब है.बड़ी खूबसूरती से आप विषय और शब्दों का चयन करती हैं.बधाई स्वीकारें.

Unknown said...

जब भी तुमको चाहें छूना
पास नहीं आती हो

फूलों का रस लेकर
झट से उड़ जाती हो।
.....................
आकांक्षा जी की बाल कविता 'तितली रानी' बहुत खूब है.बड़ी खूबसूरती से आप विषय और शब्दों का चयन करती हैं.बधाई स्वीकारें.

KK Yadav said...

तितली रानी, तितली रानी
पंख उड़ाती कहाँ चली ?
...एक सार्थक,सुन्दर और असरदार बाल कविता.गहन अनुभूति है.आकांक्षा जी, बधाई !!!!!

KK Yadav said...

@ Rashmi Singh, Chocolate-Pizza day का नाम sunate ही मुँह में पानी आ गया. काश ऐसा होता कि विचार दिमाग में आते और मुंह में सीधे Chocolate-Pizza खाने को मिल जाता.

डॉ .अनुराग said...

aha aha....titli rani .....

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत सुंदर रचना तितली रानी पे . पढ़कर ओह अपना बचपन याद गया. जब बचपन में तितली पकड़कर तितली रानी तितली रानी कहकर तितलियाँ सबको दिखाया करते थे. बधाई.

Vinay said...

मनमोहक रचना!

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर कविता है।

रंजू भाटिया said...

बहुत सुंदर बाल कविता