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ज़ाकिर अली ‘रजनीश’: एक परिचय

जन्म:
एक जनवरी उन्नीस सौ पिचहत्तर (01-01-1975, लखनऊ)

शिक्षा:
एम0ए0 (हिन्दी), बी0सी0जे0, सृजनात्मक लेखन (डिप्लोमा।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ से “हिन्दी का बदलता स्वरूप एवं पटकथा लेखन” फेलोशिप (वर्ष–2005)।

लेखन:
कहानी, उपन्यास, नाटक एवं कविता विधाओं में वर्ष 1991 से सतत लेखन।

प्रकाशन:
राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में एक हजार से अधिक रचनाएं प्रकाशित।

अनुवाद:
अंग्रेजी, मराठी एवं बंग्ला भाषा में अनेक रचनाओं का अनुवाद।

मीडिया लेखन:

दूरदर्शन से अनेक धारावाहिक (मीना, समस्या, मात) प्रसारित, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण।

प्रकाशित पुस्तकें:

गिनीपिग (वैज्ञानिक उपन्यास, वर्ष–1998)
विज्ञान कथाएं (कहानी संग्रह, वर्ष–2000)

बाल उपन्यास:
सात सवाल (हातिम पर केन्द्रित बाल उपन्यास, वर्ष–1996)
हम होंगे कामयाब/मिशन आजादी (बाल अधिकारों पर केन्द्रित बाल उपन्यास, वर्ष–2000/2003)
समय के पार (पर्यावरण पर केन्द्रित वैज्ञानिक बाल उपन्यास 8 अन्य विज्ञान कथाओं के साथ प्रकाशित, वर्ष–2000)

बाल कहानी संग्रह:

मैं स्कूल जाऊंगी (मनोवैज्ञानिक बालकथा संग्रह, वर्ष–1996)
सपनों का गांव (पर्यावरण परक बालकथा संग्रह , वर्ष–1999)
चमत्कार (बाल विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–1999)
हाजिर जवाब (बाल हास्य कथा संग्रह, वर्ष–2000)
कुर्बानी का कर्ज (साहसिक कथा संग्रह वर्ष–2000)
ऐतिहासिक गाथाएं (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2000)
सराय का भूत (लोक कथा, वर्ष–2000)
अग्गन-भग्गन (लोक कथा, वर्ष–2000)
सोने की घाटी (रोमांचक कथा संग्रह, वर्ष–2000)
सुनहरा पंख (उक्रेन की लोक कथाएं, वर्ष–2000)
सितारों की भाषा (अरब की लोक कथाएं, वर्ष–2005)
विज्ञान की कथाएं (बाल विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–2006)
ऐतिहासिक कथाएं (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2006)
Best of Hi-tech Tales (विज्ञान कथा संग्रह, वर्ष–2006)
Best of Historical Tales (ऐतिहासिक कथा संग्रह, वर्ष–2006)
इसके अतिरिक्त ऐतिहासिक श्रंख्ला के अन्तर्गत विविध विषयों पर बीस अन्य पुस्तकें प्रकाशित (वर्ष–2000)

नवसाक्षर साहित्य:
भय का भूत (अंधविश्वास पर केन्द्रित, वर्ष–2000)
मेरी अच्छी बहू (पारिवारिक सामंजस्य पर केन्द्रित, वर्ष–2000)
थोडी सी मुस्कान (परिवार नियोजन पर केन्द्रित, वर्ष–2000)
असंयम का फल (एड्स पर केन्द्रित, वर्ष–2000)

सम्पादित पुस्तकें:
इक्कीसवीं सदी की बाल कहानियां (दो खण्डों में 107 कहानियां, वर्ष–1998)
एक सौ इक्यावन बाल कविताएं (वर्ष–2003)
तीस बाल नाटक (वर्ष–2003)
प्रतिनिधि बाल विज्ञान कथाएं (वर्ष–2003)
ग्यारह बाल उपन्यास (वर्ष–2006)

पुरस्कार / सम्मान:
भारतेन्दु पुरस्कार (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, वर्ष–1997)
विज्ञान कथा भूषण सम्मान (विज्ञान कथा लेखक समिति, फैजाबाद, उ0प्र0, वर्ष–1997)
सर्जना पुरस्कार (उ0प्र0 हिन्दी संस्थान, लखनऊ, वर्ष–1999, 2000, 2000)
सहस्राब्दि हिन्दी सेवी सम्मान (यूनेस्को एवं केन्द्रीय हिन्दी सचिवालय, दिल्ली, वर्ष–2000)
श्रीमती रतन शर्मा स्मृति बालसाहित्य पुरस्कार (रतन शर्मा स्मृति न्यास, दिल्ली, वर्ष–2001)
डा0 सी0वी0 रमन तकनीकी लेखन पुरस्कार (आईसेक्ट, भोपाल, वर्ष–2006)
सहित डेढ़ दर्जन संस्थाओं से सम्मानित एवं पुरस्कृत।
‘डिक्शनरी ऑफ इंटेलेक्चुअल’, कैम्ब्रिज, इंग्लैण्ड सहित अनेक संदर्भ ग्रन्थ में ससम्मान उदधृत।
‘बाल साहित्य समीक्षा’ (मासिक, कानपुर, उ0प्र0) का मई 2007 अंक विशेषांक के रूप में प्रकाशित।

अन्य विवरण:
भारतीय विज्ञान लेखक संघ (इस्वा, दिल्ली) भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति (फैजाबाद, उ0प्र0) आदि के विज्ञान लेखन प्रशिक्षण शिविरों में सक्रिय योगदान।
‘तस्लीम’ (टीम फॉर साइंटिफिक अवेयरनेस ऑन लोकल इश्यूज़ इन इंडियन मॉसेस) के सचिव के रूप में वैज्ञानिक चेतना का प्रचार/प्रसार।
‘बच्चों के चरित्र निर्माण में बाल कथाओं का योगदान’ लघु शोध कार्य।
अनेक पत्रिकाओं के विशेषांकों का सम्पादन।

सम्‍प्रति:
सचिव- 'तस्‍लीम' एवं 'साइंस ब्‍लॉगर्स असोसिएशन'
सम्‍पादक- 'बाल मन' एवं 'हमराही'
 

सम्पर्क सूत्र:
निवास: नौशाद मंजिल, तेलीबाग बाजार, रायबरेली रोड, लखनऊ-226005 (उ0प्र0) भारत।

पत्राचार:

7ए/55, वृन्‍दावन योजना, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025 (उ0प्र0)।

मोबाईल:
09935923334

E-mail:
zakirlko@gmail.com

“मैंने ढ़ेरों काग़ज़ स्याह कर डाले, रचनाओं के पहाड़ खड़े कर दिए, अकादमियों के पुरस्कार प्राप्त किए और प्रसिद्धि भी खूब पाई... इसके बावजूद सोचता हूं कि मैंने एक पंक्ति भी ऐसी नहीं लिखी जो सही मायनों में साहित्यिक महत्व रखती हो। मेरी लेखन–यात्रा आज भी संतोष की उस मजिल की तलाश में है, जहां पहुंच कर लेखक को एहसास होता है कि उसने कुछ तो ऐसा लिखा, जिससे किसी का मार्गदर्शन हुआ, किसी को प्रेरणा मिली, किसी को जीने का नया ढ़ंग मिला हो... यह तलाश निरंतर जारी है।” चेख़व

(Brief Bio-Data of Zakir Ali 'Rajneesh')

5 टिप्पणियाँ:

Pramendra Pratap Singh said...

आपका हार्दिक स्‍वागत है। आपके बारें में जानकर अच्‍छा लगा बधाई

अनूप शुक्ल said...

वाह! बधाई। आओ भाई!

Udan Tashtari said...

आईये, आईये, बहुत स्वागत. यार यह परिचय कुछ समयपूर्व भी कहीं छापे थे क्या? पढ़ा हुआ सा लग रहा है.

अजित वडनेरकर said...

aapne baal-saahity par kaam kiyaa hai, jaankar achchhaa lagaa.badhaaii. aapkaa swaagat hai.

BANJUL KUMAR said...

Well done Zakir, Keep it up.
My best wishes for future.
Banjul