Pages

Subscribe:

Ads 468x60px

test ad

बड़ी शरम की बात

बड़ी शरम की बात
-दामोदर अग्रवाल-

बड़ी शरम की बात है बिजली, बड़ी शरम की बात।

जब देखो गुल हो जाती हो, ओढ़ के कंबल सो जाती हो,
नहीं देखती हो यह यह दिन है, या यह काली रात है बिजली,
बड़ी शरम की बात,
बड़ी शरम की बात है बिजली, बड़ी शरम की बात।।

हम गाना गाते होते हैं, या खाना खाते होते हैं,
पता नहीं चलता थाली में, किधर दाल औ भात, है बिजली,
बड़ी शरम की बात,
बड़ी शरम की बात है बिजली, बड़ी शरम की बात।।

जाओ मगर बता के जाओ, कुछ तो शिष्‍टाचार दिखाओ,
नोटिस दिए बिना चल देना, तो भारी उत्‍पात है बिजली, है बिजली,
बड़ी शरम की बात,
बड़ी शरम की बात है बिजली, बड़ी शरम की बात।।

चित्र साभार- www.toonpool.com

6 टिप्पणियाँ:

अविनाश वाचस्पति said...

बिजली का धर्म है

बिना बतलाये जाना।

रंजन said...

बहुत प्यारी..

रंजना said...

Waah !! Ise to swar me gaate hue sunne par aur bhi aanand aayega...

Sateek vyngy,sundar geet...badhai.

Vinay said...

बढिया है,

शेफाली पाण्डे said...

बिजली नहीं ये है बे जली ..

समय चक्र said...

bahut badhiya rachana bijali rani par.