नटखट गोलमटोल सा
लिए हाथ में रुल।
लिये पीठ पर बस्ता
चुन्नू पहुंचा स्कूल।।
एक हाथ में थर्मस थामे
दूजे में थी टाफी।
ब्रेड और जैम टिफिन में रखा
उतना ही था काफी।
नये दोस्त नये सहपाठी
धमाचौकडी, मस्ती ।
घर लौटे चुन्नू को देख
मम्मी उसकी हँसती।।
-रवि प्रकाश केशरी
एक हाथ में थर्मस थामे
दूजे में थी टाफी।
ब्रेड और जैम टिफिन में रखा
उतना ही था काफी।
नये दोस्त नये सहपाठी
धमाचौकडी, मस्ती ।
घर लौटे चुन्नू को देख
मम्मी उसकी हँसती।।
-रवि प्रकाश केशरी
4 टिप्पणियाँ:
एक हाथ में थर्मस थामे
दूजे में थी टाफी।
ब्रेड और जैम टिफिन में रखा
उतना ही था काफी।
" प्यारी सी बाल कविता , सुंदर"
regards
बहुत प्यारी बाल कविता।
मजेदार। बचपन याद आ गया।
सुन्दर कविता हिअ, आनन्द आ गया!
आपका सहयोग चाहूँगा कि मेरे नये ब्लाग के बारे में आपके मित्र भी जाने,
ब्लागिंग या अंतरजाल तकनीक से सम्बंधित कोई प्रश्न है अवश्य अवगत करायें
तकनीक दृष्टा/Tech Prevue
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