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कठौती में गंगा


कहा बंदरिया ने बंदर से,
चलो नहाएं गंगा।

बच्चों को छोड़ेंगे घर में,
होने दो हुड़दंगा।

बंदर और बंदरिया दोनों,
भाग-भागकर आए।

किन्तु घाट पर डंडे के बल,
दोनों गए भगाए।

बन्दर बोला चलो दौड़कर,
यहाँ मचा है दंगा।

मन चंगा तो भरी कठौती,
बन जाती है गंगा।
-ड़ा0 राष्ट्रबंधु
A Hindi Children Poem (Shishu Geet) by Dr. Rastrabandhu

1 टिप्पणियाँ:

admin said...

सचमुच मन चंगा तो कठौती में गंगा।

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S.B.A. TSALIIM.