इस पर ऑंच न आने देंगे, देखो यह है कसम हमारी।
-कृष्ण शलभ
हम भारत माता के बेटे, अपना देश महान।
इसकी धूल हमारी रोली, यह अपना अभिमान।
पहरा देता अडिग हिमालय, पावन नदियॉं यमुना-गंगा।
लालकिले पर, फर-फर फहरे, देखो अपना अरे तिरंगा।
विजयी विश्वे तिरंगा प्याहरा, अपना पावन गान।
इसकी धूल हमारी रोली, यह अपना अभिमान।
प्रेम-प्यार से गूँजें इसमें, वाणी ईश्व र अल्ला की।
काशी विश्वनाथ हर गंगे, शहनाई बिसमिल्ला की।
नानक, सूर, कबीर, जायसी की अपनी पहचान।
इसकी धूल हमारी रोली, यह अपना अभिमान।
हम सब इसके फूल महकते, यह है हम सबकी फुलवारी।
इस पर ऑंच न आने देंगे, देखो यह है कसम हमारी।
जग में उँचा नाम रहे, बस है इतना अरमान।
इसकी धूल हमारी रोली, यह अपना अभिमान।
6 टिप्पणियाँ:
देशभक्ति का सन्देश देता बहुत सुन्दर गीत...
बहुत सुन्दर देश भक्ति से भरा गीत ...
बहुत अच्छी कविता....
सुन्दर देश भक्ति गीत
ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी!
जानदार और शानदार है। प्रस्तुति हेतु आभार।
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याद जगत करता उन्हें, शेष रहें अज्ञात।
जो करते कर्तव्य निज, चलें समय के साथ॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
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