
क्यों पसंद हैं हरदम तुमको फूलों के ही साये ?
अश्वनी कुमार पाठक
क्यों पसंद हैं हरदम तुमको फूलों के ही साये ?
किस अलबेले चित्रकार से, तुमने पंख रंगाये ?
क्यों कहते हैं बच्चे तुमको, तितली, तितली रानी?
क्यों लगती तुम उनको इतनी, प्यारी और सुहानी?
तुम्हें देखकर मुन्ना-मुन्नी, नन्हें हाथ बढ़ाते।
पंख तुम्हारे चुटकी में, आते-आते रह जाते।
तुम फूलों पर बैठ-बैठ कर, मीठा रस पीती हो।
भौरों से बतियाती रहती, मस्ती में जीती हो।