Pages

Subscribe:

Ads 468x60px

test ad
Showing posts with label देवेन्‍द्र कुमार. Show all posts
Showing posts with label देवेन्‍द्र कुमार. Show all posts

...गर्मी को पानी से धोएँ, बारिश को हम खूब सुखाएँ

 
उनका मौसम
देवेन्‍द्र कुमार

गर्मी को पानी से धोएँ
बारिश को हम खूब सुखाएँ

जाड़े को फिर सेंक धूप से
अपनी दादी को खिलवाएँ।

कैसा भी मौसम हो जाए
उनको सदा शिकायत रहती

इससे तो अच्‍छा यह होगा
उनका मौसम नया बनाएँ।

कम दिखता है, दाँत नहीं है,
पैरों से भी चल न पातीं

बैठी-बैठी रटती रहतीं
न जाने कब राम उठाएँ।

शुभ-शुभ बोलो प्‍यारी दादी,
 दर्द भूलकर हँस दो थोड़ा

आँख मूँदकर देखो अब तुम
 हम सब मिलकर लोरी गाएँ।

बाबा की बातें रंगीन

बातें हैं रंगीन
देवेन्‍द्र कुमार 

बाबा के हैं बाल सफेद
पर उनकी बातें रंगीन।

सुबह टहलने रोज निकलते 
अपने काम सभी खुद करते 
छत पर उनकी कसरत का तो 
मजेदार होता है सीन। 

हरदम कुछ-कुछ करते रहते 
दादी से बिन बात झगड़ते 
नकली दाँत दिखाकर पूँछे 
मुँह में दाँत बचे क्‍यों तीन। 

रोज कहानी हमें सुनाते 
अपने बचपन में ले जाते 
बोले, अब दुनिया घूमूँगा 
कल सपने में देखा चीन।