-नागेश पाण्डेय 'संजय'-
बादल भैया, बादल भैया, मैं छोटी सी बच्ची हूँ।
नहीं किसी से झग़ड़ा करती, सब कहते मैं अच्छी हूँ।
बादल भैया, बादल भैया, मैं पढ़ने भी जाती हूँ।
खूब लगन से पढ़ती हूँ मैं, अव्वल नम्बर पाती हूँ।
बादल भैया, बादल भैया, पास हमारे है गुडिया।
गुडिया बड़ी हो रही है, डर है न हो जाए बुढिया।
बादल भैया, बादल भैया, करनी है इसकी शादी।
धूम-धाम से शादी करने की है मुझको आजादी।
बादल भैया, बादल भैया, शादी में सब आएंगे।
दावत होगी, ढ़ोल बजेंगे, सब मिलकर नाचे गाएंगे।
बादल भैया, बादल भैया, पर लगता है मुझको डर।
पानी मत बरसाने लगना, शादी में तुम झमर-झमर।
बादल भैया, बादल भैया, तुम तो अच्छे भैया हो।
शादी ढ़ंग से हो जाए, बस तुम ही पार-लगैया हो।
बादल भैया, बादल भैया, मैं छोटी सी बच्ची हूँ।
नहीं किसी से झग़ड़ा करती, सब कहते मैं अच्छी हूँ।
बादल भैया, बादल भैया, मैं पढ़ने भी जाती हूँ।
खूब लगन से पढ़ती हूँ मैं, अव्वल नम्बर पाती हूँ।
बादल भैया, बादल भैया, पास हमारे है गुडिया।
गुडिया बड़ी हो रही है, डर है न हो जाए बुढिया।
बादल भैया, बादल भैया, करनी है इसकी शादी।
धूम-धाम से शादी करने की है मुझको आजादी।
बादल भैया, बादल भैया, शादी में सब आएंगे।
दावत होगी, ढ़ोल बजेंगे, सब मिलकर नाचे गाएंगे।
बादल भैया, बादल भैया, पर लगता है मुझको डर।
पानी मत बरसाने लगना, शादी में तुम झमर-झमर।
बादल भैया, बादल भैया, तुम तो अच्छे भैया हो।
शादी ढ़ंग से हो जाए, बस तुम ही पार-लगैया हो।
चित्र साभार- http://photo.net/
4 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर बाल कविता!!!
सुन्दर बाल कविता!!!
प्यारी कविता
regards
baadal bhaiya .....
jiwant aur achchhi rachna lag rahi hai
shubhkamnayen
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