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कैसी ज्‍योतिष विद्या लेकर ये पंडित जी आए?

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कैसी ज्‍योतिष विद्या लेकर ये पंडित जी आए?
निरंकार देव सेवक

एक ज्‍योतिषी सड़क किनारे पोथी को फैलाकर
बता रहे थे भाग्‍य किसी का ज्‍योतिष गणित लगाकर

अगले वर्ष तुम्‍हारे घर में दो बच्‍चे खेलेंगे,
इसी माह में केतु उदय है राहु अस्‍त हो लेंगे।

दस दिन में कुनबे का कोई खो भी जा सकता है,
पर शनि के प्रभाव से घर भी वापिस आ सकता है।

तभी एक लड़के ने आकर कहा ज्‍योतिषी जी से,
पुत्र तुम्‍हारा गिरा कुएँ में उठो चलो जल्‍दी से।

भाग्‍य पूछने वालों के सिर यह सुनकर चकराए,
कैसी ज्‍योतिष विद्या लेकर ये पंडित जी आए?

अपने बेटे के भविष्‍य का जिनको पता नहीं था,
भाग्‍य-भविष्‍य दूसरों का वे बतला सकते हैं क्‍या?

5 टिप्पणियाँ:

Gyan Darpan said...

ज्योतिष एक खगोल विद्या है पर पंडावाद ने इसे कमाने के लिए भविष्यवाणी से जोड़कर इसे बदनाम कर दिया|

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर रचना।
गणेशोत्सव की मंगल कामनाएँ।

Ayaz ahmad said...

दिया तुम जलाओ हंडा हम जलाएं
मिलकर दुनिया को हम जगमगाएं

पंडावाद ने कमाने के लिए भविष्यवाणी से जोड़कर बदनाम कर दिया ज्योतिष.

PRINCIPAL HPS SR SEC SCHOOL said...

KAAM BAN JAYE TO JYOTISH MAHAN
VARNA SAB K SAB BAIMAN

Vandana Ramasingh said...

bahut sundar rachna