सारे पक्षी कहतें हैं -वह कुम्भकरण की पोती है(इतिहास को कहाँ खंगालने की ज़रुरत थी ,कहा होता वह मनमोहन की पोती है ).बहर सूरत सुन्दर बाल गीत अर्थ पूर्ण . शनिवार, १० सितम्बर २०११ अब वो अन्ना से तो पल्ल्ला छुडा रहें हैं . .
ब्लाग के लिये रचनाकारों से मौलिक एवं स्वरचित रचनायें आमंत्रित हैं। हमारा पता है- ज़ाकिर अली ‘रजनीश’, 7ए/55, वृन्दावन योजना, रायबरेली रोड, लखनऊ-226025. Email- zakirlko@gmail.com, मोबाइल:-09935923334
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उषा यादव के बाल उपन्यासों का रोचक संसार
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उषा यादव के बाल उपन्यासों का रोचक संसार डॉ. ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ पद्मश्री उषा
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15 टिप्पणियाँ:
बहुत ही बढ़िया।
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कल 09/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
वाह, बढ़िया है... समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/
ख़ूबसूरत रचना , सुन्दर प्रस्तुति , बधाई
बहुत बढ़िया, बधाई......
Hm ,.. nice post ,... if you have some time you can look mine too http://www.google.com
वाह शानदार .....
Pyari Si baal rachna...
निश्चय ही सुशील भाई की यह रचना बाल कविताओं की भीड़ से अलग बड़े ही मौलिक अंदाज में एक नए चिंतन को अभिव्यक्त करती है. मेरी हार्दिक बधाई .
भाई सुशील की यह कविता उनकी दूसरी कविताओं तरह ही ताजी हवा के झोंके जैसी है ।
बढ़िया बाल रचना है ..
सारे पक्षी कहतें हैं -वह कुम्भकरण की पोती है(इतिहास को कहाँ खंगालने की ज़रुरत थी ,कहा होता वह मनमोहन की पोती है ).बहर सूरत सुन्दर बाल गीत अर्थ पूर्ण .
शनिवार, १० सितम्बर २०११
अब वो अन्ना से तो पल्ल्ला छुडा रहें हैं .
.
ख़ूबसूरत बाल रचना|
Thank u for making me smile.. cute lines... reminded me of ol da nursery rhymes :)
Bahut achchhii Baal kavita.
Sudha Bhargava
bharteey mithak kaa sateek prayog
nayee bhavbhumi par sundar shishugeet.
rachnaakar v prastut kartaa dono ko bahut bahut badhaaee.
Dr jaijairam anand
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